कोई सफेद झूठ। पर ये है अस्तित्व में। कोई सफेद झूठ। पर ये है अस्तित्व में।
सच, काले रंग का प्रतीक बन जाता। सच, काले रंग का प्रतीक बन जाता।
बहुरूपिये तिरछी टोपी धारी इन नक्कालों ने बैठ शान से शहंशाह बनकर कितने ही कंकालों पे मिलकर इसने... बहुरूपिये तिरछी टोपी धारी इन नक्कालों ने बैठ शान से शहंशाह बनकर कितने ही कंका...
सर-फिरे लोग ही यहाँ करते है यों खून ख़राबा सब मुस्लिम ही हो गुनहगार जरूरी तो नहीं। सर-फिरे लोग ही यहाँ करते है यों खून ख़राबा सब मुस्लिम ही हो गुनहगार जरूरी तो नही...
और कर रहे हैं शर्मिंदा सच को, झूठ के झुंड में। और कर रहे हैं शर्मिंदा सच को, झूठ के झुंड में।
ईमानदार शख्स कहला रहा चोर है फिर भी साखी लगाना तू जोर है ईमानदार शख्स कहला रहा चोर है फिर भी साखी लगाना तू जोर है